भारतीय बाजार में फिर हुई FORD की एंट्री, Endeavour और Mustang का ट्रेडमार्क कराया रजिस्टर
Ford india ने Endeavour के बाद Mustang के ट्रेडमार्क को कराया रजिस्टर, जानिए फोर्ड का मास्टर प्लान - Ford India Comeback
Ford की नजर फिर से भारत के बाजार में है. फोर्ड ने कुछ दिन पहले ही भारत में अपनी Endeavour के ट्रेडमार्क को रजिस्टर कराया था. लेकिन अब खबर यह भी निकलकर सामने आ रही है कि Ford ने Mustang Match-E के ट्रेडमार्क को भी भारत मे रजिस्टर करा लिया है. जिसके बाद यह तो साबित हो गया है कि फोर्ड जल्द ही भारत मे कमबैक (Ford India Comeback) करने वाली है.
भरतीय ग्राहक को जब से पता चला है की अमेरिकी वाहन निर्माता Ford भारत मे फिर से कमबैक करने बाली है तब से ford की गाड़ियों को पसंद करने बाले ग्राहकों में खुशी का माहौल दिख रहा है. Ford Endeavour को भारत मे काफी ज्यादा पसंद किया जाता है.
Ford के जाने के बाद भी उन्होंने ने फोर्ड की गाड़ियों को बेचा नही. क्योंकि फोर्ड की फैनलिस्ट ही ऐसी है. लेकिन अब जब फोर्ड ने 2 गाड़ियों के ट्रेड मार्क को रजिस्टर कराया है तब से फोर्ड के फैंस काफी खुश हैं और उन्हें अब यह यकीन भी हो गया है कि फोर्ड जल्द ही भारत मे कमबैक करने बाला है.
फोर्ड ने जब भारत में अपने कारोबार को समेट तो उसके बाद से चेन्नई स्थित फोर्ड के प्लाट पर कई दिग्गज वाहन निर्माता हो की नजर पड़ने लगी जिसके बाद टाटा मोटर्स से लेकर एमजी मोटर्स का नाम सबसे आगे था यहां तक की जल्दी भारत में अपने सफ़र की शुरुआत करने वाले वियतनाम इलेक्ट्रिक कर कंपनी मैं फास्ट भी इस प्लान को खरीदने में अपने दिलचस्पी दिखा रही थी लेकिन फोर्ड ने आखिरी समय में चेन्नई प्लांट को बेचने की योजना से यू टर्न ले लिया बताया जा रहा है कि फोर्ड इंडिया चेन्नई प्लांट को बेचने के लिए अपने फैसले पर पुनर्विचार कर रही है
निर्यात के लिए या भारतीय बाजार में वापसी के लिए इस फैसिलिटी का उपयोग करने के विकल्पों का मूल्यांकन कर रही है क्योंकि फोर्ड ने हाल ही में जेएसडब्ल्यू समूह जेएसडब्ल्यू ग्रुप के साथ सौदा रद्द कर दिया था ऐसा माना जा रहा है कि वह इस प्लांट को बेचने की योजनाओं पर विराम लगाकर फोर्ड अपने लिए रास्ता खुला रखना चाहती है.
आईए जानते हैं फोर्ड का भारत में सफर
भारत और फोर्ड का रिश्ता तकरीबन 97 साल पुराना है. फोर्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने साल 1926 में कनाडा की फोर्ड मोटर कंपनी की सहायक कंपनी के रूप में उत्पादन शुरू किया था. उसे दौर में कंपनी भारत में मॉडल ए जैसी कारों को पेश कर रही थी.
बाद में गंभीर आयात प्रतिबंध लागू होने के कारण फोर्ड इंडिया कंपनी को में 1953 में अपने प्रोडक्शन को बंद करना पड़ा. इसके बाद साल 1995 में फोर्ड ने भारत की महिंद्रा एंड महिंद्रा के साथ 55-49% की में (Mahindra Ford India limited) एक ज्वाइंट वेंचर के तौर पर पुनः भारतीय बाजार में प्रवेश किया.
This #ThrowbackThursday features @13teenauto exploring the wild with Ford.
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— Ford India (@FordIndia) February 15, 2024
भारत मे ford की पहली कार
फोर्ड और महिंद्रा के जॉइंट बेंचर के बाद ford ने mahindra के साथ मिलकर अपनी पहली कार एस्कॉर्ट को लॉन्च किया. इस कार का प्रोडक्शन साल 2001 तक किया गया. यह एक सेडान कार थी. इस कार की खास बात यह है कि यह कार सिर्फ इंडियन मार्केट के लिए तैयार की गई थी. इस कार के वजह से एक अमेरिकी ब्रांड फोर्ड को भारत मे एक पहचान मिली. इस कार में डीजल और पेट्रोल दोनों इंजन ऑप्शन मिलते थे. इस कार में 1.8 लीटर का डीजल और 1.6 लीटर का पेट्रोल इंजन मिलता था.
फोर्ड एस्कॉर्ट में पॉवर स्टीयरिंग के साथ साथ पॉवर फ्रंट विंडो और एयर कंडीशनिंग, म्यूजिक सिस्टम जैसे फीचर्स मिलते थे. उस समय किसी कार में यह सारी चीजें होना बहुत बड़ी बात माना जाता था. इसके बाद साल 1999 में फोर्ड ने आइकॉन (Ikon) साल 2000 में Mondeo और साल 2023 में Endeavour (एंडेवर) साल 2004-2005 में फ्यूजन और फिएस्टा क्लासिक जैसी सेडान कारों को लांच किया. फिएस्टा आज भी भारत की सड़कों में कभी न कभी दिख जाती है.
जिसके बाद फोर्ड ने 2010 में मांस मार्केट के लिए एक हैचबैक Figo को बाजार में लांच किया. साल 2013 में कंपनी ने एक ऐसे सेगमेंट को जन्म दिया जो आज भारत मे सबसे ज्यादा पॉपुलर ओर कॉम्पटीशन बाला सेगमेंट हैं. फोर्ड ने 20213 में एक सब कंपैक्ट एसयूवी Ecosport इकोस्पोर्ट को लांच किया. जिसके बाद भारत में हर कार निर्माता की नजर इस सेगमेंट की तरफ पड़ने लगी. जिसका नतीजा आज आपको Nexon,Creta, Xuv 300, Skoda Kushaq, फॉक्सवैगन टाइगुन जैसी कई कारों के तौर पर दिखता है.
भारत मे Ford के प्रोड्क्शन को बंद करने का दिन
20 जुलाई 2022 को आखिरी बार Ford ने चेन्नई में स्थित शॉलिंगनल्लूर बाले प्लांट के प्रोटेक्शन लाइन को बंद कर दिया था.
भारत मे Ford की आखरी कार
भारत में फोर्ड की आखिरी कार के तौर पर सफेद रंग की Ecosport को रोल आउट किया गया था. इस दिन ही फोर्ड की भारत में कारों के उत्पादन की कहानी हमेशा के लिए थम गई थी.
भारत में फोर्ड के नाकामयाब होने के कारण
भारत में फोर्ड के ना कामयाब होने के कई कारण हैं लेकिन उसमें से दो प्रमुख कारण यह हैं कि Ford ने भारत में हमेशा से एक प्रीमियम ब्रांड के तौर पर खुद को स्थापित करने की कोशिश की. मांस मार्केट से फोर्ड हमेशा ही दूर रही. जब पहली बार फोर्ड ने भारत में एंट्री की थी तब वह दौर मारुति 800 जैसी कारों का था.
उस समय Maruti 800 का जलवा था. बाजार में पहले और आज भी किफायती और लो बजट की कारों की डिमांड रही है. लेकिन फोर्ड का सस्ती गाड़ियों को बनाने की तरफ ध्यान कम था. दूसरी वजह यह भी है कि फोर्ड की गाड़ियां दूसरी गाड़ियों की अपेक्षा ज्यादा खर्चीली थी. फोर्ड की गाड़ियों की सर्विस कॉस्ट भी ज्यादा थी. जिसके वजह से लोग फोर्ड की गाड़ियों को खरीदने से बचते थे. और यही भारत में फोर्ड के कामयाब न होने के कारण हैं.
Ford का फिर से भारत मे एंट्री – Ford India Comeback
फोर्ड की गाड़ियों को पसंद करने बालें लोगों के लिए यह खुशी की खबर है कि उनकी फेवरेट कंपनी फोर्ड दोबारा से जल्द भारत के मार्केट में अपनी एंट्री कर सकती है. फोर्ड अपने एंडेवर को सबसे पहले भारतीय मार्केट में लेकर आएगी. क्योंकि यह नाम और यह गाड़ी भारत के लिए जानी पहचानी है. और इस गाड़ी की फैन फॉलोइंग भी काफी ज्यादा है.
यह एक दमदार एसयूवी है, जिसमें अच्छी खासी पावर और परफॉर्मेंस मिल जाती है. साथ ही कंपनी ने नई Mustang Mach-E ट्रैड मार्क को भारत में रजिस्टर किया है. हालांकि कंपनी की तरफ से इसके भारत में एंट्री के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं बताई गई है लेकिन संभव यह है कि कंपनी से कंप्लीट बिल्ड यूनिट से इस गाड़ी को भारत में लाया जाएगा.
ग्लोबल मार्केट में यह इलेक्ट्रिक क्रॉसओवर रियर व्हील ड्राइव और ऑल व्हील ड्राइव दोनों वेरिएंट में आती है इसके अलावा यह कार दो अलग-अलग बैट्री पैक ऑप्शन के साथ दो अलग वेरिएंट स्टैंडर्ड और एक्सटेंडेड रेंज में भी उपलब्ध है.